Wednesday, 22 April 2015

अभिव्यक्ति की आजादी के खिलाफ है नेट निरपक्षेता का उल्लंघन : नासकॉम

आईटी उद्योग के संगठन नासकॉम ने नेट निरपेक्षता का पुरजोर समर्थन करते हुए बुधवार को कहा कि इंटरनेट पहुंच में किसी तरह का भेदभाव अभिव्यक्ति की आजादी का उल्लंघन ही है। नासकॉम के अध्यक्ष आर चंद्रशेखर ने कहा, 'डेटा के प्लेटफॉर्मों तक पहुंच, आजादी पर प्रतिबंध के समान ही है क्योंकि मेरी अभिव्यक्ति की आजादी में मेरी आवाज सुने जाने की स्वतंत्रता भी शामिल है। आप कुछ भी कह सकते हैं पर आपकी कोई नहीं सुनेगा। यह अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है।' उन्होंने कहा कि नेट निरपेक्षता से एक खुला मैदान तैयार होता है जो कि नवोन्मेष व स्वीकरण को सुगम बनाता है।



चंद्रशेखर को नहीं लगता कि नवोन्मेषी एप्लीकेशन इकोसिस्टम तथा दूरसंचार बुनियादी ढांचे के दोहरे लक्ष्य में कोई विरोधाभास है। उन्होंने स्पष्ट किया कि नासकॉम उन सभी प्लेटफार्मों के खिलाफ है जो कि शून्य शुल्क योजना सहित मुख्य रूप से भुगतान की किसी योजना के आधार पर इंटरनेट की पहुंच में भेदभाव करते हैं। उल्लेखनीय है कि नेट निरपेक्षता की इस सारी बहस में 'एयरटेल जीरो' केंद्र में है। नेट निरपेक्षता से आशय इंटरनेट पर सब प्रकार के डेटा ट्रैफिक के साथ समान व्यवहार करना है और किसी कंपनी या एप को भुगतान के आधार पर प्राथमिकता देना इस अवधारणा का उल्लंघन माना जाएगा।

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